अस्सलामु अलैकुम.
तक़रीबन 2000 साल पहले रुमियो ने यहुदियो को शाम से बहार निकाल कर वहा अपना कब्ज़ा जमा दिया था. बाद में रूमी शासक ने क्रिचियन धर्म को अपना लिया इस तरह फलिस्तीन पर क्रिचियन की हुकूमत कायम हुई. 1187 की साल में इस्लामिक हुक्मरान सलादीन अय्यूबी (र.अ.) ने जेरुसलम को जित कर फलिस्तीन अपने हाथ में लिए, और मुसलमान के हाथ में फलिस्तीन आ गया,
जब हिटलर ने यहुदियो का कत्लेआम किया तो पुरे यूरोप के यहुदियो ने फलिस्तीन के मुसलमानों से दरखास्त की के आप हमें अपने पुराने घरमे पनाह दे ताकि हम अपनी नस्लों को बचा सके, फलिस्तीन वालो ने भाईचारा दिखाते हुए यहुदियो को रहने के लिए जमीन दी, खाने के लिए अनाज दिया, पहेनने के लिए कपडा दिया, और 1948 में फलिस्तीन से थोड़ी जमीन भीख में लेकर इसराइल नाम का नए देश ने जन्म लिया.
शुरुआत में तो यहूदी शांत रहे, लेकिन सन 1960 के बाद यहुदियो ने अपना असली रंग दिखाना शुरू किया. फलिस्तीन में मुसलमानों को मारने लगे, ओरतो से जबरजस्ती करने लगे, जवान बेटियो को उठाके ले जाते, और उनपर बलात्कार करते, फिर उन्हें मार दिया जाता, किसी जूठे केस में मुसलमान मर्दों को गिरफ्तार कर लिया जाता फिर उनको कस्टडी में ही आतंकवादी घोषित करके उनको मार दिया जाता, छोटे बच्चो को डराया जाता उनको पढाई करने से रोका जाता, मुसलमानों को नमाज़ तक पढने पर पाबन्दी लगादी. और धीरे धीरे पुरे फलिस्तीन पर कब्ज़ा गेरकानुनी करलिया, ये सिलसिला आजभी कायम हे.
हिंदुस्तान में सबसे पहले मुहम्मद बिन कासिम (र.अ.) ने महज 16 साल की उम्र में इ.स. 711 में सिंध में जित हासिल की, उसके बाद अलग अलग मुस्लिम हुक्मरान ने हिंदुस्तान में अलग अलग जगह को जीता, हिंदुस्तान में लगभग 800 साल तक मुसलमानों ने हुकूमत की, उस दौरान हर मुसलमान हुकूमत ने सभी धर्मो के लिए आदर और सम्मान के साथ हुकूमत की. हिंदुस्तान में अंग्रेज और कुछ जूठे इतिहासकारों की वजह से मुस्लिम हुकुमतो पर आज सवाल उठ रहे हे, उनके मुताबिक मुसलमानों ने तलवारों की नोक पर लोगो को मुसलमान बनाया हे, लेकिन सोचने वाली बात ये हे की 800 साल की हुकूमत में अगर मुसलमानों ने तलवार की नोक पर लोगो को मुसलमान बनाया होता तो आज कोई गेरमुसलमान होता ? क्या हिंदुस्तान में सिर्फ 20% ही मुसलमान होते ? ये सरासर गलत हे की मुसलमानों ने तलवार के जोर से लोगो को मुसलमान बनाया हे.
इ.स. 1700 के बाद जब हिंदुस्तान में ईस्ट इंडिया कंपनी का जोर और सितम बढ़ने लगा तो मुग़ल बादशाह ने हिंदुस्तान के तमाम राजाओ को उनके खिलाफ लड़ने के लिए संदेश भेजा था, लेकिन उस समय पर कोई रजा उनके साथ नहीं आया, बाद में इ.स.1837 में मुग़ल सल्तनत के आखरी बादशाह बहादुर शाह ज़फर ने अंग्रेजो के खिलाफ जंगे शुरू की, इ.स.1857 में बादशाह बहादुर शाह ज़फर, झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई, और कुछ बहादुर सल्तनतो ने मिलकर अंग्रेजो के खिलाफ जंग लड़ी, लेकिन उसमे कुछ हिन्दुस्तानी गद्दारों की वजह से वो जंग हार गए.
लेकिन उसके बाद हिंदुस्तान को स्वतंन्त्र बनाने के लिए इ.स.1947 तक मुसलमान, हिन्दू, सिख और बाकि तमाम ने मिलकर हिंदुस्तान को आजादी दिलाई, इस सुरन भारत में जमियत ए उलमा ए हिन्द जेसी संस्थाए भी भी जंगे आजादी में शामिल हुई, जमियत को स्थापित ही जंगे आजादी के लिए किया गया था. लेकिन इस दौरान कुछ ईएसआई संस्थाए भी बनी जिसने हिंदुस्तान को आजादी दिलाने में तो कोई हिस्सेदारी नहीं दी लेकिन अंग्रेजो की मुखबरी जरुर की, लेकिन अंग्रेजो ने देश के टुकड़े करदिये और हिन्दू और मुसलमानों के बिच जगड़े कायम रखने के लिए कुछ सस्थाओ को भी काम पर लगा दिया, जो आज बजी वही काम करते हे.
आज़ादी मिलने के बाद हिन्दुस्तान को धर्मनिरपेक्ष देश बनाया गया, 1948 में ही दंगे शुरू हो गए, सारा दोष का ठीकरा मुसलमानों पर फोड़ा गया, लेकिन ये तो सिर्फ शुरुआत थी, बाद में चालू हुआ सिलसिला, पाकिस्तान ने कश्मीर को अपना हिस्सा बताया, और हिंदुस्तान पर हमला किया, हिंदुस्तान ने जवाबी हमला किया , लेकिन तबतक देर हो चुकी थी पाकिस्तान ने POK पर कब्ज़ा करलिया, हिंदुस्तान ने 35% कश्मीर गवा दिया, पाकिस्तान ने कश्मीरियो के दिमाग में ये बात घुसादी की हिंदुस्तान अब हिन्दुओ का देश हे, वो तुम्हे गुलाम बनाये रखेगा, कश्मीरियो ने अलग कश्मीर की आवाज़ उठाई, लेकिन हिंदुस्तान के नेताओ ने कश्मीरियो को समजाया की हिंदुस्तान में वो सुरक्षित हे, कश्मीरियो ने अपनी मांगे वापस ले ली, लेकिन कुछ लोगो को ये बात नागवार गुजरी.उनको बस हिन्दू और मुसलमानों के बिच लड़ाई चाहिए थी, उन्हों ने हिन्दू और मुसलमानों को भड़काया जिससे दोनों के बिच दंगे शुरू हो गए.
2014 में जब बीजेपी सत्ता में आई तो उनका नारा था सबका साथ सबका विकास. लेकिन उनकी मंशा कुछ और ही थी, आज छोटी छोटी बातो पर मुसलमान नौजवानों को जेल में दाल दिया जाता हे, उनके ऊपर NSA या UAPA जेसी कलम दाग दी जाती हे, हो सकता हे इस ब्लॉग को लिखने के बाद मुजपर भी कोई केस दाल दिया जाए, और जेल में बंध करदिया जाए, बाबरी मस्जिद, ट्रिपल तलाक, CAA NRC NPR, जेसे मुद्दे से मुसलमानों पर अत्याचार किये जाते हे, मुसलमानों को देशद्रोही और आतंकवादी कहा जाता हे,
उमर खालिद, शर्जिल इमाम, शर्जिल उस्मानी, डॉ,कफील खान जेसे लोगो को बिना कोई गुन्हा जेल में बंध करदिया जाता हे, फिर कही जागे मोब लीचिंग और बेगुनाह को मारना जेसी घटनाए होती रहती हे, आज हिंदुस्तान में #islamophobia अपनी इन्तिहा पर पर हे, लेकिन कुछ जगह पर आजभी सब आपस में मिलकर रहते हे.
दूसरी बाते दुसरे ब्लॉग में इंशाल्लाह.
मेरे इस ब्लॉग से किसीके दिल को ठेस पहुची हो तो में दिलसे माफ़ी मांगता हु, मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओ को ठेस पहोचाना नहीं पर आप तक सच पहुचाना था, अगर कोई भूल हुई हो तो अपना छोटा भाई समजकर माफ़ कर देना.
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