निकाह



हमने ऐसा क्या किया कि हमारी शादियां ईमान मुकम्मल करने के बजाय मुसीबत और बे हयाई का एलान बन गई हैं??
हमारी शादियां ही हमारी बर्वादी का ज़रीया बन रही हे ?

       
        वजह
          👇
दुल्हन का अधनंगा लिबास, ग़ैर मर्दों का औ़रतों को अलग-अलग तरीकों से फोकस करके बंद कमरे में फिल्में बनाना और बाप भाई के गै़रत के कानों पर जूं तक न रेंगना ,और तो और कुछ दीनदार घरानों में भी इस मौके़ पर शर्मो हया का जनाजा़ उठता नज़र आता है कि दिल खौ़फ़ से कांप जाता है
कि इनकी औरतें नगें सर बे पर्दा बे खोफ शिर्कत करती नज़र आती ह

मूवी मेकर ,फोटोग्राफर इनके लिए* ऐसे बन ठन कर शादी के प्रोग्राम में आते हैं जैसे शादी ही इनकी हो..

आपकी इज्ज़त कैसे गवारा कर जाती है कि एक गै़र मर्द आपकी नई नवेली दुल्हन को आपसे पहले देखे और अलग-अलग स्टाइल से उसको अपने हाथ टच करके उसके फोटो सेशन करे...😞

अफ़सोस
अब तो ऐसे रंजो ग़म का वक्त़ है कि किस-किस चीज़ को रोया जाये दूल्हा मियां ख़ुद मूवी मेकर फोटोग्राफर को गाइडलाइन दे रहा होता है यह मेरी बहन है, मेरी कजन ,मेरी खाला और यह दुल्हन की बहन ,अम्मा ,खाला वगैरह वगैरह है और साथ ही उसे सख़्ती से कहता है कि सब लेडीस की तस्वीर ठीक से बनाना..

अफ़सोस का मुक़ाम है कि जो बंदा कितना ग़रीब है वह उतना ही ज़्यादा पैसा इन गुनाह की रस्मों पर ख़र्च करता है चाहे उधार ही क्यों न लेना पड़े..

तस्वीर प्रतिकारात्मक हे





पूछो तो ! यह लोग कहते हैं हमारी बिरादरी में ऐसा करना रिवाज है ख़ानदान में नाक कट जाएगी, लोग कहेंगे कि फलां की शादी पर नाच गाना गंदी औरतों का डांस आतिशबाजी फायरिंग नहीं हुई शादी में जाने का मजा़ हि नहीं आया..
अल्लाह पाक हमें शरीयत ओर सुन्न्नत के दायरे में शादी की तोफीक़ दे

याद रखो
जिन लोगों को दिखाने के लिए हम ये सब फालतू की रस्में अदा करते हैं उनको हमारे बेटे, बेटी की तलाक़ से कोई फर्क़ नहीं पड़ता ,उन लोगों को कोई परवाह नहीं की आपने पैसा उधार लिया है या दिनदहाड़े डाका मारा है.. यही लोग आप की औलाद के तलाक के मौक़े पर कहते हैं इतनी बेशर्मी तो फैलाई थी इन लोगों ने शादी के मौके पर ,तो अंजाम तो बुरा ही होना था..

भाई दुनिया नहीं जीने देती दुनिया को नहीं देखो ,अपनी जेब को देखो ,इस्लाम की ह़दों को देखो, इस्लाम में तो शादी को बेहद आसान बनाया है इन मिट्टी के पुतले को नाजायज़ ख़ुश करने के लिए गुनाहगार मत बनो ,अल्लाह त‌आ़ला को खुश करोगे तो आपकी शादी कामयाब होगी *इंशाल्लाह*..

बहुत से लोग शादियों के मौके़ पर घरों के सामने सड़कों पर टेंट लगा लेते हैं और औ़रतों का नाच देखते हैं 
       निकाह
जैसे पाकीज़ा अमल में नाचने वाली गंदीऔरतों का क्या काम है??
   लेकिन
माफ़ करना हमारी सोच गंदी हो गई ये उसकी निशानी है

बहुत सी शादियों में देखा है घरों के बड़े भी गंदी मह़फिलों में शामिल होते हैं और इन गंदी औरतों से बेशर्मी बेहयाई सरेआम करते हैं ,बहुत सी जगह पर देखने में आया है कि दूल्हा खुद नाचने वाली औरतों के साथ डांस के साथ साथ गंदी हरकतें करना भी ज़रूरी समझता है..

आप ख़ुद फै़सला करो यह शादी के मौके़ पर आप अल्लाह के अ़जा़ब को दावत दे रहे हो या नहीं??
ऐसी शादी में बरकत कैसे आ सकती है??

बेशर्म गंदी औ़रतों के नाच में जो गुनाह और ख़राबी है उनको सब जानते हैं..
और आजकल एक नया पेटर्न ये होगया कि गंदी औरतों के पैसे बचाने के लिए इस गंदे फेल में घर कि औरतों जोंका जारहा है और उन से ये सारे बे हयाई के काम करवा कर उन्हे मार्डन स्मार्ट केहकर होंसला दिया जाता है 

ढोलक की बात करो तो ये औरतें ढोलक सारी सारी रात ऐसे बजाती हैं जैसे पता नहीं यह ढोलक नहीं उनके बेरहम शौहर का सर है ढोलक की खूब धुलाई करके अपना सारा गुस्सा ढोलक पर निकाल देती हैं ,ढोलक की आवाज़ से आसपास के लोगों की नींद खराब होती है इस गुनाह का वबाल इनकी ज़ीन्दगी की निदं उड़ा देता है ।

ढोलक से दिल को राह़त नहीं मिलती तो बड़े बड़े स्पीकर लेकर उसको सारी रात सारा दिन गाना लगाए जाते हैं कि पूरे शहर को पता चल जाए जहां शादी का प्रोग्राम है
जब सारा शहर आपकी इन हरकतों से तंग होगा तो क्या आपको यह लोग दुआ देंगे कि अल्लाह इनकी शादी में बरकत डाल दे??

बहुत से बीमार ऐसे भी हैं जो बेचारे अपनी ही खांसी की आवाज़ बर्दाश्त नहीं कर सकते तो क्या वह आपके घर लगे दीवारों जितने स्पीकरों से निकलती हुई गानों की आवाज़ बर्दाश्त कर पाएंगे??

तो खुद अंदाजा़ करो कि वह बीमार इंसान आपको कितनी बद दुआएं देगा ऐसी शादी में में बरकत कैसे आएगी??

पोस्ट का मक़सद सिर्फ यह है कि शादी को आसान बनाओ और तलाक़ के रिवाज को अपने समाज से खत्म करो फालतू रस्मो रिवाज के झंझट की वजह से बहुत से ग़रीब घरों के नौजवान लड़के और लड़कियां भी शादी के बगै़र ही बैठे हैं..
      और

नो जवानों से हाथ जोड़कर गुजारिश है इन फालतू रस्मो रिवाज को अपनी शादीयों के करीब भी न आने दे नहिँ तो आपकी आने वाली औलादे बे हया और बे दीन होगी।और दुनियां में नाफरमान और आखीरत में अ़ज़ाब की वजह बनेगी..
      इसलिये
नियत करें अज़म करें
हमारी शादीयें सादी हो 
अल्लाह की बारगाह में दुआ है या अल्लाह हमें इन फालतू रस्मो रिवाज से बचने की और *सुन्नत शरीयत* के मुताबिक ज़िंदगी गुजा़रने की तौफीक़ अ़ता फ़रमाए ..
आमीन या रब्बुल आलमीन

मेरे इस ब्लॉग से किसीके दिल को ठेस पहुची हो तो में दिलसे माफ़ी मांगता हु, मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओ को ठेस पहोचाना नहीं पर आप तक सच पहुचाना था, अगर कोई भूल हुई हो तो अपना छोटा भाई समजकर माफ़ कर देना.

ब्लॉग केसा लगा  निचे कमेन्ट करे, अगर अच्छा लगे तो मोटिवेशन के तोर पर SOCIAL MEDIA पर फॉलो करे.



FACEBOOK - https://www.facebook.com/imtiyazuk

TWITTER - https://twitter.com/imtiyazuk

INSTAGRAM - https://www.instagram.com/imtiyazuk/?hl=en




बहेतरीन इस्लामिक किताबे -


Previous Post Next Post